क्या है पारा स्पाइनल एब्सेस

क्या है पारा स्पाइनल एब्सेस

कुछ वर्ष पहले 10 साल के लड़के को तेज बुखार और दौरे पड़ने की समस्या के साथ भरतीकिया गया। वह छह महीने से बीमार था। बार बार तेज बुखार और दौरे के कारण उसे एक अस्पताल में तीन बार भरती कराया गया था। अब तक रोग के कारण का पता नहीं चल पाया था। ब्रेन को दो बार सीटी स्कैन एवं कई अन्य जांच नाॅर्मल पाये गये। सीबीसी में डब्ल्यूबीसी कई बार बढ़ा हुआ मिला। पर इन्फेक्शन के लोकेशन का पता नहीं चला। एंटीबायोटिक्स से बुखार उतर जा रहा था, मगर कुछ दिन बाद बुखार पुनः वापस आ जाता था। उसे जब मेरे पास लाया गया , तो पहले उसके केस स्टडी की गयी। उसके बाद मैंने रीढ़ में मौजूद तरल पदार्थ की जांच करवाने के लिए कहा। सेंपल लेते समय बच्चा काफि हिल डुल रहा था। इसी कारण गलती से सुई रीढ़ के बगल में लग गई। जिससे पस जैसा पीला पदार्थ बाहर आया। इससे और सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर पारा स्पाइनल एब्सेस कंफर्म हो गया। इसे ड्रेन करके पस को बाहर निकाल दिया गया। एंटीबायोटिक के लंबे कोर्स के बाद बच्चा ठीक हो गया। बार-बार बुखार होने का कारण घाव या फोड़ा आदि भी होता है। इस केस में भी ऐसा ही हुआ था। अतः यदि बंुखार के उपचार के बाद भी यह ठीक न हो , तो तुरंत डाॅक्टर से मिलना चाहिए। समय पर इलाज करवाना जरूरी है।

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