क्या है बीयोंड सीलियक डिजीज

क्या है बीयोंड सीलियक डिजीज
दो महीने पहले एक व्यक्ति मेरे पास अपने बच्चे इलाज कराने आये. उनके 12 वर्ष के लड़के को यही रोग था. बच्चे के पेट मे दर्द होता था. उन्होंने पहले जांच करायी थीं जिसमें सीलियक डिजीज की पुष्टि हुई थी. स्ट्रिक्ट ग्लूटेन फ्री डायट लेने के बावजूद भी उसमें कोइ सुधान नहीं आ रहा था कई बार पेट दर्द के कारण पह स्कूल भी नहीं जा पा रहा था. यदि चला भी जाता था. तो उसे स्कूल से लाना पड़ जाता था. मैंने बच्चे के जांच करायी, जांच मे स्ट्रिक्ट ग्लूटेन फ्री डायट लेने की पुष्टि हुई. पहले मैंने खुद ग्लूटेन फ्री व्यंजनों की लिस्ट बना कर दी ओर उसे फॅालो करने के लिए कहा, 15 दिन फाॅलो करने के बाद भी पेट दर्द में कोई सुधान नहीं हुआ, इस समस्या का एक कारण पैन्क्रिएटिक इन्सफिशिएसी भी हो सकता है, इसकी जांच उपलब्ध नहीं होने का कारण इससे संबंधित दवाईयां दिन में तीन दिन खाने के लिए दी गयी. उसके बाद मरीज में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ. अब बच्चे को कभी-कभार ही पेट में दर्द होता था. मगर अब इसके चलते स्कूल छोड़ने की नौबत नहीं आती थी. सीलियक डिजीज के इलाज के बाद भी बच्चे का पेट दर्द इसलिए ठीक नहीं हो रहा था. क्योंकि उसका पैन्क्रिएटिक इन्सफिशिएसी के लिए इलाज नहीं हो रहा था. इलाज होते ही समस्या अपने आज दूर हो गयी. इस अवस्था को बीयोड सीलियक डिजीज के नाम से भी जाना जाता है.

क्या है कावासकी रोग

क्या है कावासकी रोग

कुछ वर्ष पहले छह माह के बच्चे को इलाज के लिए लाया गया. बच्चे को कुछ दिनों से बुखार आ रहा था. दोनों आखें लाल थी व होठ सूखे हूए थे. जीभ भी बिल्कूल लाल थी. जांच के बाद भी बुखार के कारणों का पता नहीं चल पा रहा था, लक्षणों के आधार पर कावासाकी रोग का अनुमान लगाया गया. प्लेटलेट काउंट 7 लाख प्रति एमएल पाया गया. इन लक्षणों के आधार पर दवांइयां शूरू दिनों मे बुखार उतर गया. इको कराने के बाद एन्यूरिज्म के बढ़े होने का पता चला बच्चे को एक साल तक एस्पिरिन दी गयी, एक साल बाद भी एन्यूरिज्म बढ़ा पाया गया. एन्यूरिज्म के फटने से मृत्यू भी हो सकती है. सर्जरी से उसे हटा दिया गया. कुछ समय के बाद बच्चा स्वस्थ हो गया. उसका जुड़वा भाई दुसरे शहर में था. उसे भी यही समस्या हुई मगर आश्चर्यजनक बात यह थी की वह खुद की कुछ दिनों मे स्वस्थ हो गया. कावासकी रोग के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. ऐसा माना जाता है कि यह बैक्टीरिया वायरस आदि के प्रति इम्यून सिस्टम के रिएक्शन से होता है. इस रोग को जल्द पहचानना जरूरी है ताकि उपरोक्त इलाज जल्द-से-जल्द कराया जा सके. ऐसा इसलिए क्योंकि हार्ट-एन्यूरिज्म के कारण मरीज की मृत्यू भी हो सकती है. अतः ऐसे लक्षणों को देख कर तुरंत डाॅक्टर से संपर्क करना चाहएि.