पारफायरिया का हुआ उपचार

पारफायरिया का हुआ उपचार

कुछ वर्षेंा पहले आठ साल के एक लड़के को इलाज के लिए लाया गया। उसे कई दिनों से पेट में दर्द, शरीर पर दाने, सिर में दर्द और और पेट दर्द के समय बेहोशी की समस्या हो रही थी।वह अब तक दासयों बार हाॅस्पिटल में भरती हो चुका था। धुप में रहने पर पुरे शरीर पर दाने निकल जा रहे थे। दानों के निकलने और दबने से शरीर भी काला पड़ता जा रहा था। पेट में दर्द के कारण वह पागलों जैसा हरकत करने लगता था। उसे उल्टियां भी काफी होती थी। किसी दवाई का असर भी नहीं हो रहा था। ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ था। अल्ट्रासाउंड एवं सीटी स्कैन में भी पेट में किसी समस्या का पता नहीं चला। एक दिन उसके पेशाव का रंग काला हुआ। अब रोग का कुछ अलग अनुमान लगने लगा था। पारफायरिया या अल्कैप्टो न्युरिया में पेशाब का रंग काला हो जाता है। अल्कैप्टोन्यूरिया में जोड़ों में दर्द भी होता है, जो बच्चे को नहीं था। इसलिए यह रोग नहीं था। अतः पारफायरिया कंफर्म करने के लिए पेशाब की जांच करायी गयी, जांच से यह कंफर्म हो गया। बच्चे का आॅपरेशन किया गया और उसे बचा लिया गया। धूप, कुछ दवाइयों व कुछ अन्य कारणों से इस रोग का अटैक होता है। जिन दवाइयों से अटैक हो, उसका सेवन नहीं करना चाहिए। चूंकि यह जेनेटिक डिजिज है, अतः उपरोक्त परहेज एवं तरीकों से ही निरंतर अटैक से बचा जा सकता है। उसकी कोई दवा या इलाज अभी तक नहीं है।