इम्मोटाइल सिलिया सिंड्रोम
करीब आठ महीने का बच्चा अस्पताल में चैथी बार भरती हुआ. हर बार वह गंभीर
न्यूमोनिया एवं दायें फेफड़े में अपर लोब कोलेप्स से साथ भरती होता था. दो बार उसके
दोनों कानों मे ओटाइटिस मीडिया नामक इन्फेक्शन भी हुआ था. उसके अभिभावक बच्चों में
सर्दी-खांसी को लेकर भी परेशान रहते थे. सर्दी-खांसी लगातार बनी रहती थी. इस कारण
से वजन भी नहीं बढ़ रहा था और आठ किलों की बजाय वह सिर्फ पांच किलो का था. इलाज भी
सामान्य से लंबा चलता था. कई महीनों से छाती में व्हीजिंग के कारण उसे नेबुलाइजेशन
की भी जरूरत पड़ रही थी. सारी जांच भी नॉर्मल आ रही थी. बार-बार ओटाइसिस मीडिया,
व्हीजी चेस्ट. लंबी
सर्दी-खांसी न्यूमोनिया की वजह से इम्यूनी डेफिशिएंसी की भी सारी जांच करवायी गयी.
उसकी छाती की भी जांच करवायी गयी किंतु कोई परेशानी नहीं मिली. कई अन्य जांच भी
करायी गयी सब की रिपोर्ट नॉर्मल आयी. अंत में नाक के बाल की इलेक्ट्राल सिलिया
सिंड्रोम को डायग्नोज किया गया. इस बीमारी में श्वास नली की सिलिया (सूक्ष्म बाल)
उपर एवं बाहर की तरफ एक साथ गतिमान उपरी दिशा में नहीं होते है, जिसके फलस्वरूप नली के नर्व
से स्त्राव बाहर नहीं निकल पाता है, अंत बार-बार उपरोत्त समस्या होती है, यह आनुवंशिक रोग है और कोई अचूक इलाज नही है,
इस कारण लक्षणों के आधार पर
ही बच्चे का इलाज किया गया,
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