बिना बुखार के टायफॅायड की इन्फेक्शन
लगभग 25 दिनों पहले पांच साल की बच्ची को तीन-चार दिनों से बार-बार उल्टी की शिकायत लेकर आ रही थी। हाल में किसी बुखार की शिकायत नहीं थी। शारीरिक जांच बिलकुल सामान्य थी। उल्टी रोकनक के लिए इन्जेक्शन एवं धर के आठ-आठ धंटे पर सिरप देने की सलाह दी। पेशाब की जांच भी करवायी गयी। किंतु वह रिपोर्ट भी नाॅर्मल आयी। यह जांच इसलिए करवायी गयी क्योंकि अकसर पेशाव में इन्फेक्शन के कारण भी उल्टियां होती है। अब कभि- कभार हल्के काले रंग की दस्त भी दिन में दो-तीन बार हो जा रही थी। एक सिरप देना भी शुरू किया गया। किंतु अगले दो-तीन दिन तक भी उल्टियों का सिलसिला जारी रहा। पांच दिन तक उल्टियां नहीं रूकने पर फिर से जांच की, तो हल्का बुखार भी पाया गया।मां ने कभि-कभार शरीर गरम होने के बारे में बताया। अब स्प्लीन बढ़ी हुई मिलि और मेेनिनजाइटिस की कोई लक्षण नही मिलि। किंतु स्थिति में सुधार नहीं हाने के कारण मैने टायफाइड की जांच के अलावा किडनी और लिवर की जांच करवायी। सारी जांच नाॅर्मल आयी लेकिन विडाल टेस्ट पाॅजिटिव आयी। यह आश्र्यजनक बात थी कि बुखार के बिना भी टायफॅाइड हुआ था। अब टायफाइड के लिए एंटीबायोटिक का इन्जेक्शन शुरू किया। पहले इन्जेक्शन के ही बाद उलटी बंद हो गयी। दवाइयों का पूरा कोर्स करने के बाद बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गयी।
लगभग 25 दिनों पहले पांच साल की बच्ची को तीन-चार दिनों से बार-बार उल्टी की शिकायत लेकर आ रही थी। हाल में किसी बुखार की शिकायत नहीं थी। शारीरिक जांच बिलकुल सामान्य थी। उल्टी रोकनक के लिए इन्जेक्शन एवं धर के आठ-आठ धंटे पर सिरप देने की सलाह दी। पेशाब की जांच भी करवायी गयी। किंतु वह रिपोर्ट भी नाॅर्मल आयी। यह जांच इसलिए करवायी गयी क्योंकि अकसर पेशाव में इन्फेक्शन के कारण भी उल्टियां होती है। अब कभि- कभार हल्के काले रंग की दस्त भी दिन में दो-तीन बार हो जा रही थी। एक सिरप देना भी शुरू किया गया। किंतु अगले दो-तीन दिन तक भी उल्टियों का सिलसिला जारी रहा। पांच दिन तक उल्टियां नहीं रूकने पर फिर से जांच की, तो हल्का बुखार भी पाया गया।मां ने कभि-कभार शरीर गरम होने के बारे में बताया। अब स्प्लीन बढ़ी हुई मिलि और मेेनिनजाइटिस की कोई लक्षण नही मिलि। किंतु स्थिति में सुधार नहीं हाने के कारण मैने टायफाइड की जांच के अलावा किडनी और लिवर की जांच करवायी। सारी जांच नाॅर्मल आयी लेकिन विडाल टेस्ट पाॅजिटिव आयी। यह आश्र्यजनक बात थी कि बुखार के बिना भी टायफॅाइड हुआ था। अब टायफाइड के लिए एंटीबायोटिक का इन्जेक्शन शुरू किया। पहले इन्जेक्शन के ही बाद उलटी बंद हो गयी। दवाइयों का पूरा कोर्स करने के बाद बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गयी।
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