वी. डब्लू.डी. रोग का हुआ इलाज
4-5 साल पहले एक महिला इलाज कराने के लिए आयी। महिला की उम्र 38 वर्ष थी। उसने नाक की सर्जरी करके उसे हटाने का आग्रह किया। उसका कहना था कि पिछले साल बच्चेदानी निकलवाने के बाद से हर सात से दस दिन में उसके नाक से काफी रक्त स्राव आ रहा था। इसके कारण उसे खून भी चढ़वाना पड़ रहा था। उसने बताया कि 15 वर्ष की उम्र से ही महीने में एक बार उसे काफी रक्तस्राव होता था। इस कारण साल में दो-तीन बार खून चढ़वाना पड़ता था। वह कई विशेषज्ञों से दिखा चुकी थी। मगर उसकी समस्या का कोई सामाधान नहीं हुआ था। पिछले साल परिवार पूरे होने के बाद विशेषज्ञों से सलाह लेकर उसने बच्चेदानी को सर्जरी द्वारा हटवा दिया। उसी के बाद से नाक से रक्तस्राव शुरू हो गया। इसी कारण वह नाक की सर्जरी करवाने आयी थी। उसे समझाया गया कि नाक की सर्जरी करके उसे हटवाना समाधान नहीं है क्योकि हो सकता है किसी दूसरे अंग से ब्लीडिंग शुरू हो जाये। उसके खून की जांच की गयी। उसके बाद एक और जांच की गयी, जिसमें करीब 20 हजार का खर्च आता है। कुछ दिन के बाद जब रिपोर्ट आयी, तो वी.डब्लू.डी. कंफर्म हो गया। उसे डीडीेएवीपी की नेजल पफ दिया गया। ब्लीडिंग के समय इसे लेने से ब्लीडिंग बंद हो जाती है। अब उसे ब्लीडिंग नहीं होती है और वह स्वस्थ है। अतः यदि इस तरह की समस्या होतो अच्छे तरीके से जांच करानी जरूरी है ताकि गलत इलाज से बचा जा सके।
4-5 साल पहले एक महिला इलाज कराने के लिए आयी। महिला की उम्र 38 वर्ष थी। उसने नाक की सर्जरी करके उसे हटाने का आग्रह किया। उसका कहना था कि पिछले साल बच्चेदानी निकलवाने के बाद से हर सात से दस दिन में उसके नाक से काफी रक्त स्राव आ रहा था। इसके कारण उसे खून भी चढ़वाना पड़ रहा था। उसने बताया कि 15 वर्ष की उम्र से ही महीने में एक बार उसे काफी रक्तस्राव होता था। इस कारण साल में दो-तीन बार खून चढ़वाना पड़ता था। वह कई विशेषज्ञों से दिखा चुकी थी। मगर उसकी समस्या का कोई सामाधान नहीं हुआ था। पिछले साल परिवार पूरे होने के बाद विशेषज्ञों से सलाह लेकर उसने बच्चेदानी को सर्जरी द्वारा हटवा दिया। उसी के बाद से नाक से रक्तस्राव शुरू हो गया। इसी कारण वह नाक की सर्जरी करवाने आयी थी। उसे समझाया गया कि नाक की सर्जरी करके उसे हटवाना समाधान नहीं है क्योकि हो सकता है किसी दूसरे अंग से ब्लीडिंग शुरू हो जाये। उसके खून की जांच की गयी। उसके बाद एक और जांच की गयी, जिसमें करीब 20 हजार का खर्च आता है। कुछ दिन के बाद जब रिपोर्ट आयी, तो वी.डब्लू.डी. कंफर्म हो गया। उसे डीडीेएवीपी की नेजल पफ दिया गया। ब्लीडिंग के समय इसे लेने से ब्लीडिंग बंद हो जाती है। अब उसे ब्लीडिंग नहीं होती है और वह स्वस्थ है। अतः यदि इस तरह की समस्या होतो अच्छे तरीके से जांच करानी जरूरी है ताकि गलत इलाज से बचा जा सके।
No comments:
Post a Comment