कच्चे दूध से हो सकता है ब्रूसेलोसिस

कच्चे दूध से हो सकता है ब्रूसेलोसिस

कुछ महीने पहले छह साल के बच्चे को हल्के बुखार, जोड़ों में दर्द, हल्की जाॅन्डिस, बढ़े हुए लिवर एवं स्पलीन, वजन गिरना एवं भूख नहीं लगने की शिकायत लेकर क्लिनिक पर लाया गया। शारीरिक  जांच के बाद खून की जांच करवायी गयी। जिसमें स्वेत रक्त कोशिकाएं हल्की बढ़ी हुई एवं लिंफोसाइट तकरीबन 47 प्रतिशत पाया गया। इएसआर 38 आया। हीमोग्लोबिन थोड़ा कम 9.2 एवं अन्य खून एवं पेशाब की जांच नाॅर्मल आयी। टायफायड की जांच भी नाॅर्मल आयी। गरदन की कुछ गिल्टियां भी बढ़ी हुई थी। इसलिए टीबी और टायफाइड की जांच करवायी गयी। लेकिन टीबी एवं टायफाइड नहीं निकला। इलाज तो कराना ही था। अतः ओरल एंटीबायोटिक 10 दिनों के लिए दिया। 10 दिनों में बुखार एवं बढ़ा हुआ लिवर एवं स्पलीन बिलकुल कम नहीं हुआ। जांच में बिलरूबिन एवं एसजीपीटी क्रमशः 2.4 एवं 108 आयी। अतः हेपेटाइटिस ए और बी की भी जांच की गयी। जो नेगेटिव आयी कालाजार एवं मलेरिया भी नेगेटिव आया। अब कुछ असामान्य रोगों की आशंका हुई। जोड़ों में दर्द एवं बढ़ी स्पलीन के कारण रूमेटाॅयड आर्थराइटिस की जांच की गयी जो नेगेटिव आयी। अंत में ब्रूसेलोसिस एंटीजेन टेस्ट किया गया, क्योंकि कच्चा दुध पीने की शिकायत मुझे मिलि। यह पाॅजीटिव आया। यह रोग बैक्टीरिया के कारण होता है। अतः कफर्म होने के बाद उपयुक्त दवाएं तीन महीने के लिए दी गयीं और बच्चा बिल्कुल ठीक हो गया।

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