सीकल सेल एनिमिया से हो सकता है बुखार
करीब तीन साल पहले एक डेढ़ वर्ष के लड़के को तेज बुखार के बाद अस्पताल में लाया
गया. जानकारी लेने पर पता चला कि बच्चे को तीन-चार महीने से बुखार आ रहा था. एक
दूसरे अस्पताल में उसका इलाज चला रहा था. पता चला कि बुखार पांच-छह दिनों में ठीक
हो जाता है, उसके बाद 20 दिन या एक महीने के बाद बुखार दोबारा आ जाता है, बच्चे की जांच करने के बाद
बुखार के करणों का पता नहीं चल सका. पूछ-ताछ से पता चला कि बच्चे के दायें घुटने
में करीब तीन-चार महीने पहले फोड़ा हो गया था जब भी बुखार आता तो बच्चा दाये पैर से
लगड़ाता था. फिर चेकअप करने पर दाहिने हिप ज्वांन्ट के पास एक टेंडन मिला, दबाने पर बच्चे कों दर्द
हुआ. एक्स-रे कराने पर पता चला कि दांये हिप ज्वांन्ट का स्पेस बढ़ा हुआ था. अब
सेप्टिक आर्थराइटिस कफर्म हो गया थात्र क्रानिक रक्त स्त्राव की कोई हिस्ट्री नहीं
थी. कि बच्चे को गंभीर एनिमिया क्या है. एक और जांच से सिकल सेल डिजीज की पुष्टि
हो गयी.
आमतौर पर सिकल डिजीज में आॅस्टियोमायलाइटिस भी हो सकता है अतः तुरंत बच्चे को
एमआरआइ जांच करायी गयी और आॅस्टियोमायलाइटिस रोग कफर्म हो गया. अंततः अब बच्चे में
सिकल सेल एनिमिया कफर्म हो गया। छह महीने तक बच्चे का एंटीबायोटिक से उपचार चला.
उसके बाद बच्चा पूरी से स्वस्थ हो गया. अतः बुखार के कारण को जान करके उसका जड़ से
इलाज करने के बाद यह समस्या पूरी तरह से समाप्त हो गयी.
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